Monday, March 7, 2011

नारी


बनिस्बत एक खुबसूरत तस्वीर के
हकीकत के वजूद में आ चुकी है नारी
नारी- जिसे कमजोर कह कर ख़ारिज नहीं कर सकते
जो शामिल है
आपके हर अहम् फैसलों में कही न कही
बदल सकती है जो तस्वीर- तकदीर के हर पहलू को
लड़कर पाई है उसने ये हैसियत
कोई अहसान नहीं किया आपने उस पर
वो जी सकती है अपने दम पर
बर्बर ज़माने के हर जुल्म से जूझ कर
पाई इस हैसियत को
आप सलाम करे न करे
वो बढती जाएगी अपनी उस राह पर
जहा मंजिल उसका अंजाम तय नहीं कर सकती
बल्कि वो तय करेगी अपने अंजाम लायक मंजिल
-दिलीप लोकरे
इंदौर